2024-08-26
पीपलखूंट। भारत देश आजाद हुए 77 साल हो गए हैं किन्तु प्रतापगढ़ जिले का आदिवासी क्षेत्र आज भी वही का वही खड़ा है और अपने साथ हो रहे भेदभाव का जहरीला घूंट पीने को मजबूर हैं। यह जिक्र अनिवार्य है कि प्रतापगढ़ जिले की पंचायत समिति की ग्राम पंचायत महूवाल का गांव खोरापाडा तो इतना पिछड़ा हुआ है कि यहां के वाशिंदे आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है और सरकार की ओर एक टक लगाए सतत् देख रहा है कि कब उनके गांव में प्रशासनिक अधिकारी आए और यहां का विकास ऐजेंडा बनाए और इस गांव को प्राथमिकता के साथ सहूलियतें प्रदान करें किंतु लगता है उनका यह दिवास्वप्न ही बनकर रह गया है । ज्ञात रहे गांव खोरापाडा में 24 अगस्त की दरमियानी रात में सुखलाल की पत्नी बाबरी बाई का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया तो उन्हें खाट पर लिटाकर 1 किमी दूर लोगों ने कंधे पर उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उनका उपचार किया गया अगर थोड़ी देर और हो जती तो उसका जीवन खतरे में पड़ सकता था। इस क्षेत्र में सड़क पानी बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं से कोसों दूर लोग अपना जीवन यापन कैसे कर रहे इस बात से राजनेताओं को क्या फर्क पड़ता है वह तो चुनाव आते हैं और बरसाती मेंढक की तरह अपना रंग बदलते हैं और चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को दिवास्वप्न दिखाकर चुनाव जीत जाते हैं और बाद में लौटकर भी नहीं देखते हैं और जनता को बदहाली जीवन जीने पर मजबूर कर देते हैं। अगर यही हाल रहा तो आने वाले चुनाव में यहां की जनता चुनाव का बहिष्कार करेगी और किसी भी राजनीतिक दल के नेता को क्षेत्र में घुसने नहीं देगी।